tag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post5662243671638851177..comments2023-10-05T00:40:14.785-07:00Comments on आरोही: जिम्मेदार कौन?RADHIKAhttp://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-58209002561761891002008-10-13T12:38:00.000-07:002008-10-13T12:38:00.000-07:00radhikaji,अापकी प्रितिक्र्या को मैने अपने ब्लाग पर...radhikaji,<BR/>अापकी प्रितिक्र्या को मैने अपने ब्लाग पर िलखे नए लेख में शािमल िकया है । आप चाहें तो उसे पढकर अपनी प्रितिक्रया देकर बहस को आगे बढा सकते हैं । <BR/><BR/>http://www.ashokvichar.blogspot.comंDr. Ashok Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01184710406024316074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-91627791729666960782008-10-07T07:05:00.000-07:002008-10-07T07:05:00.000-07:00bahut achcha likha hai aapney.यह सत्य हैं की मानव ...bahut achcha likha hai aapney.<BR/><BR/><BR/>यह सत्य हैं की मानव जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ हैं ,अपने सपनो को सच करना कभी आसन नही था, नही होगा पर अगर वास्तव में अपने सपनो को सच करना हैं तो मन में पुरा विश्वास ,प्रबल इच्छा शक्ति के साथ इस बात का भी एहसास होना चाहिए की कोई और नही हमारे जीवन के शिल्पकार हम स्वयं हैं<BR/><BR/>sateek aur satya.<BR/><BR/>http//www.ashokvichar.blogspot.comDr. Ashok Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01184710406024316074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-84721057857463660732008-10-07T03:16:00.000-07:002008-10-07T03:16:00.000-07:00क्यो हम दुसरे को देख कर सोचते है कि उस के पास यह ह...क्यो हम दुसरे को देख कर सोचते है कि उस के पास यह है मेरे पास नही, जिस दिन हम यह सोचे गे कि मेरे पास यह है उस के पास नही, फ़िर देखो हम दुनिया कए सब से सुखी इंसान बन जाये गे,बचपन मै मै हमेशा मां से कहता था देखो उस के पास सुन्दर जुते है मेरे पास पुराने है, तो मां कहती बेटा ले दुगीं, लेकिन मेरे पापा कहते बेटा शुकर करो उस भगवान का जो तेर पास यह पुराने जुते है, उन्हे देखॊ जिन के पास पाव ही नही...<BR/>सफ़लता लेने के लिये बढो दुसरो को देख कर लेकिन जब दुसरो को देख कर गलिन होने लगे कि मेरे पास यह नही वह नही तो यहां कुछ ठीक नही, इस सोच को बदलना ही अच्छा है<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-80608191188291897412008-10-07T00:50:00.000-07:002008-10-07T00:50:00.000-07:00हम सिर्फ़ ये सोचते है की दूसरे इतना क्यों पा रहे ह...हम सिर्फ़ ये सोचते है की दूसरे इतना क्यों पा रहे है ...ये जाने बगैर की...... किसी ओर के लिए हम भी "दूसरे "हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-26719847247452234952008-10-06T23:09:00.000-07:002008-10-06T23:09:00.000-07:00हर बार, हर परिस्थिति में और हर व्यक्ति पर तो यह सि...हर बार, हर परिस्थिति में और हर व्यक्ति पर तो यह सिद्धान्त लागू नहीं होता, फ़िर भी बात में दम है… जैसे किसी व्यक्ति की सफ़लता उसकी अकेले की नहीं होती, उसी प्रकार उसकी असफ़लता भी उस अकेले की वजह से नहीं हो सकती… कई बातों पर यह सब निर्भर होता है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-84794055766163472462008-10-06T22:55:00.000-07:002008-10-06T22:55:00.000-07:00बहुत ही सुन्दर लेख! सच्चाई और ईमानदारी से भरपूर. म...बहुत ही सुन्दर लेख! सच्चाई और ईमानदारी से भरपूर. मैं आपके विचारो से पूरी तरह सहमत हूँ.सौरभ कुदेशियाhttps://www.blogger.com/profile/04558758968386273265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-12041110612851769742008-10-06T22:53:00.000-07:002008-10-06T22:53:00.000-07:00शानदार पोस्ट...शानदार सोच.हमें वही मिलेगा हम जिसके...शानदार पोस्ट...शानदार सोच.<BR/>हमें वही मिलेगा हम जिसके हकदार हैं.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-90577200966877531222008-10-06T22:30:00.000-07:002008-10-06T22:30:00.000-07:00,जब हम ये सत्य मान लेते हैं तो अपने सफलता के मार्ग...,जब हम ये सत्य मान लेते हैं तो अपने सफलता के मार्ग में बैठे हुए अपने स्वयं के डरपोक और भाग्यवादी रूप को हटा देते हैं और वही से शुरू होता हैं हमारी सफलता का सफर ।<BR/>bahut sunder lines<BR/>i visited many times on u r blog get real thoughts of daily walks of life<BR/>if possibe kindly visit my blog <BR/>do comment if u feel so<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2614229443138949777.post-40756896384813917822008-10-06T22:09:00.000-07:002008-10-06T22:09:00.000-07:00राधिका जी , आपने जो लिखा उससे यह बात साफ हो जाती ह...राधिका जी , आपने जो लिखा उससे यह बात साफ हो जाती है कि आपने भी जीवन संघर्ष किया है । जीवन में हम जो चाहते है अगर वो नहीं बन पाते तो इसमें किसी को दोष देना मेरे अनुसार गलत है । कहा गया है कि असफलता यह दर्शाती कि किया गया कार्य पूरे मन और लगन से नहीं किया गया । आपने लेख में जो बाते लिखी है बिल्कुल सच है यथार्थवादी है । धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.com