जब कोई सफलता ,कोई चीज़ पहली बार मिलती हैं तो कितना अच्छा लगता हैं न !हम याद रखते हैं उन्हें जिन्होंने पहली बार हमारे लिए कुछ किया .हमें पहली बार कुछ नया दिया .फिर वह चाहे हमारे अपने हो या हो अविष्कारक .
"आवश्यकता आविष्कार की जननी " यह बचपन में सुना था ,समझा भी था ,पर कभी यह कहावत मेरे लिए भी मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा सच होगी सोचा नही था .आने वाला कल पहेली बन कर रहे इसीमे जीवन की सारी सुंदरता बसी हैं ..तब मैं नही जानती थी की कभी मैं भी पहली स्त्री विचित्र वीणा वादिका कहलाउंगी.तब यह भी नही जानती थी की पापा की डांट खाकर सितार
बजाने वाली राधिका के जीवन का सच्चा प्यार एकमात्र लक्ष्य और एक मात्र चाह संगीत ही बन जायेगा .मुझे याद हैं ,जब मेरी बहने माँ के साथ मेरे मामा ,मामी मौसी के यहाँ जाया करती थी और बाबा मुझे सितार बजाने बिठा लिया करते थे ..मुझे बड़ा गुस्सा आता था ,बहुत दुःख होता था ,लगता वो दोनों वहा कितना मजा कर रही होंगी ,सब भाई बहनों के साथ ..
पर पापा से उसी समय लिए संगीत के सबक ने मेरे जीवन की राह बदल दी ..
'My daddy strongest ' आज अरु ख़ुशी से चिल्ला चिल्ला कर यह कहती हैं तो बड़ी हँसी आती हैं साथ ही यह सच भी सामने आता हैं की हर बेटी के लिए उसके पापा एकदम हीरो होते हैं और जब वह पापा अपनी बेटी के लिए कुछ ऐसा कर दे जो बेटी के जीवन को नयी दिशा दे ,जो आज तक किसी पापा ने अपनी बेटी के लिए नही किया हो ,तो वही पापा सुपरहीरो बन जाते हैं .
ऐसा ही कुछ मेरे पापा ने मेर लिए किया ..
जबसे विचित्र वीणा अपनाई लगा की यह वो वाद्य हैं जिस पर भारतीय संगीत की विशेषताओ को बखूबी उतारा जा सकता हैं ,पर उसका बड़ा सा आकर ,उसको लाने ले जाने में आने वाली कठिनाई ?????इसी कारण इस प्राचीन ,सुंदर और अप्रतिम वाद्य को कोई अपनाना नही चाहता .
पहली महिला विचित्र वीणा वादिका कहलाने में गर्व होता हैं ,लेकिन 'एकमात्र 'शब्द दिल में चुभता हैं ,यही कारण था की मैंने बाबा को सहमत किया की विचित्र वीणा को छोटा किया जाना चाहिए ,और पापा ने मेरे लिए खुद एक छोटी सी विचित्र वीणा बनाई ,एक ऐसी छोटी विचित्र वीणा जो इतिहास में अब तक किसी ने नही बनाई .मेरे इस विचार और बाबा की बनाई वीणा को सभी कलाकरों ने बहुत सराहा ..
अब दिल्ली के संजय रिखी राम जी को मैंने वैसे ही एक विचित्र वीणा बनाने का आर्डर दिया हैं मेर लिए .
पर पहला नम्बर मेरे बाबा का :-) थेंक्स बाबा ...
ढेरों ढेरों ढेरों बधाईयाँ !!!!
ReplyDeleteईश्वर करें यह "एकमात्र" शब्द जल्द से जल्द हटे और हमारे शाश्त्रीय संगीत का विश्व में अधिकाधिक प्रसार हो,धाक बढे... माँ शारदे के कर में सुशोभित अनुपम वाद्य यन्त्र अधिक से अधिक करों में शोभित हो,माता से यही अनुनय है......
मैं भी अपने भाग्य को सराह रही हूँ कि तुम्हारा संपर्क मिला...
आपने अपने पिता को गौरवान्वित किया है, आपको शुभेच्छायें।
ReplyDeleteparh kar bahut accha laga. aur is baat ki bhi khushi hai ki vichitr veena ki ek maatr mahila gyata meri mitr soochi main hain. aur bhagwaan se kamna karta hu ki apki veena ki pehchaan aisi bane jaisi jism ki rooh se hai. din ki raat se hai. aur sanso ki jazbaat se hain. ambar k sikhar tak pahunche aap. aur apke baba ko meri taraf se bahut badhai. apko nahi :) kyuki jab jab aap apne pita ka naam roshan karengi apko sakoon milega aur apke baba ko khushi. aur dosri badhai aane vale itihaas main apna naam darz karvane k liye.
ReplyDeleteमेरी तरफ़ से पहली महिला विचित्र वीणा वादिका को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteनमस्कार........आपकी रचना वाकई तारीफ के काबिल है
ReplyDeleteमैं ब्लॉग जगत में नया हूँ, कृपया मेरा मार्गदर्शन करें......
http://harish-joshi.blogspot.com/
आभार.