कहते हैं बेटी माँ की परछाई होती हैं ,वो मेरी परछाई नही ,एक दैवीय ज्योति हैं,जो जीवन को प्रकाशित करती हैं मेरा ही चेहरा,मेरी शक्ति,शांति,संगती ,गीति,आरोही ....
क्या यह सरोद - वीणा है .... !!और आप कब , कहाँ , और क्या (राग) बजा रही हैं... कुछ लिखा नहीं आपने .dkmuflis.blogspot.com
bahut sundar!
वाह।
बहुत सुंदर प्रस्तुति, धन्यवाद
मनमोहक....
हमारीवाणी पर पोस्ट को प्रकाशित करने की विधिकिसी भी तरह की जानकारी / शिकायत / सुझाव / प्रश्न के लिए संपर्क करें
बहुत सुंदर चित्र आपका भी और वीणा का भी ।
आपकी टिप्पणिया मेरे लिए अनमोल हैं
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क्या यह
ReplyDeleteसरोद - वीणा है .... !!
और आप
कब , कहाँ , और क्या (राग) बजा रही हैं...
कुछ लिखा नहीं आपने .
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