www.blogvarta.com

Wednesday, March 28, 2012

दो किनारे जिंदगी के ....

रंगमंच से परदे का उठाना ..
नाटक का प्रारंभ ..
दृश्य प्रथम ...

राजमहल से बड़े ,जीवन की हर सुख सुविधा से युक्त घर में तीन मनुष्य आकृतियाँ ...शाल्मली .संजीव चिमणी.

माँ भूख लगी हैं ..माँ - माँ आज टीचर ने होम वर्क दिया हैं ,माँ देखो मैंने कलर किया डोरेमोन को ,माँ आज भीम ने छुटकी से कहा की हम दोनों मिल कर ढोलू और भोलू को सबक सिखायेंगे ...माँ.. माँ ..माँ ..माँ
...

शांता मावशी...आलेच  ताई ...की आवाज देते /हडबडा कर लगभग चीखते हुए घर की मधुर शांतता को नष्ट करते ,अचानक  एक मध्यम आकार,नाटे से कद और काम समाप्त करने की आतुरता औसत से नैन नक्श वाले चेहरे पर लिए शांता मावशी का  प्रकट होना ..


हल्की लेकिन आदेशात्मक आवाज के साथ कुछ ३०-३२ साल की,सुन्दर आँखों ,गेहुएं रंग और बुद्धिमत्ता के तेज को झलकाते व्यक्तित्व वाली शाल्मली ...
शांता मावशी ...देखियें इसे क्या कह रही हैं ,मुझे ऑफिस जाना हैं,आज रात को देर होगी लौटने में ..शाम को ऑफिस के बाद पार्टी हैं ...
 तू ग ,सारख काय माँ माँ करत असते ! जा टिव्ही बघ ..

संजीव ....ऊँचे कद का ,साधारण नयन नक्श वाला नामी कंपनी में बड़े से ओहदे पर आसीन ..बड़ी सी कार ,सेवा में ड्रायवर ..४-५ असिस्टेंट ,खीसे हमेशा पैसो से भरे भरे ...लेकिन चेहरे पर इतना तनाव मानो  भारत और पाक में युद्ध छिड़ गया हो और जीत की सारी जिम्मेदारी इन्ही की हो ..
दिन भर मोबाईल की रिंग रिंग ,मीटिंग्स की हडभड, आज इस शहर कल दूजे, परसों तीजे शहर उड़ कर जाने की बदली ने  इन महाशय के चेहरे को कुछ इस तरह ढक दिया हैं की मुस्कान की चांदनी तो बरसो में शायद ही कभी खिली हो ...

चिमणी को किसी चीज़ की कमी नहीं ..खिलौने ...किताबे ...चॉकलेट्स...कपड़े ...फिर भी गुमसुम क्यों  हैं वह?

 काम से आने के बाद लगभग रोज  बात बेबात शाल्मली और संजीव का झगड़ा ..पापा का कहना की पैसा नहीं कमाऊ तो कैसे घर चलेगा ..माँ  की नाराज़गी मेरा कैरियर कोई मायने नहीं रखता क्या ?पापा कहते हैं की तुम कहा  मेरे इतने पैसे कमाती हो ,मैं इस तरह न मरू तो मुझे इस तरह रोज के इन्क्रिमेंट्स और पोस्ट दर पोस्ट बढ़त कैसे मिलेगी ...माँ का कहना पर  चिमणी सिर्फ मेरी नहीं ...पैसे मैं भी कम नहीं कमा रही ..

इसी  झिकझिक को सुनते डबडबायी नन्ही नन्ही  आँखों का मुंद जाना सपनो में खो जाना ...


दृश्य  द्वितीय  ...


माँ मुझे आज स्ट्राबेरी केक बना दो न ....माँ आज मेरी सहेली का बर्थडे हैं उसके लिए कुछ गिफ्ट दिला दो ...माँ कल मुझे स्कूल में परी बन  कर जाना हैं ...माँ मुझे पार्क में जाना हैं जल्दी  मुझे तैयार कर दो न ...

हाँ बाबा हाँ..... कितना बोलती हैं ...दस हाथ थोड़े ही हैं मेरे ..एक एक करके सब करती हूँ न रे ! अच्छा बता केक के उपर डोरेमोन बनाऊ या भीम ?  क्या ख़रीदे तेरी सहेली के लिए ...बार्बी का सेट या कलर प्रोजेक्टर ?मावशी जरा मेरी मदद कर दीजिये न ..सुन  चिमणी जब तक केक बन रही हैं मुझे तेरा होमवर्क दिखा मैं तुझे बता दू कैसे करना हैं ...

पापा ...........
हाथ में ढेर सारे गुब्बारे लिए संजीव का परदे पर पुनरागमन ...पापा आजकल आप ऑफिस से थोडा जल्दी आ जाते हो,मुझसे बातें भी करते हो ,माँ भी मुझे कितना प्यार करती हैं ,,आप दोनों बेस्ट माँ - पापा हो लव यू पापा ...खिलखिलाती हंसी के साथ संजीव का  चिमणी से लिपट जाना...मेरा बच्चा दुनिया का सबसे प्यारा बच्चा ...

 संजीव ने नौकरी नहीं बदली ...शाल्मली ने अपना कैरियर नहीं छोड़ा ...बस दोनों ने अपने समय ,पैसे और तरक्की की बढती ललक और अभिमान पर थोडा नियंत्रण पा लिया ..

यह सब हुआ उस झगड़े वाली रात के बाद जिसकी सुबह  चिमणी ने दो दिन तक आँखे नहीं खोली ...डॉ .ने कहा अत्यधिक तनाव, अकेलेपन और असुरक्षा की भावना के कारन ऐसा हुआ हैं ...

पैसा तरक्की नाम दुनिया के सारे ऐश्वर्य इन सबसे बढ़कर भी कुछ हैं ..
.वह हैं  प्यार ...शांति और आत्मविश्वास ...



यह दो दृश्य ...दोनों ही जीवन  के किनारे हैं ...एक किनारा आपको एक निर्जीव तट पर अकेला छोड़ता हैं दूसरा मानों गंगाकिनारा 

आप कौनसी  जिंदगी  पसंद  करते हैं ..दृश्य प्रथम की या दृश्य द्वितीय की ??


27 comments:

  1. सटीक दृश्य दिखा दिये .... बच्चों के लिए हमेशा वक़्त देना चाहिए ... प्रेरणादायक पोस्ट

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद संगीता जी ...

      Delete
  2. बहुत से प्रश्नों के उत्तर देती हुई सार्थक पोस्ट.........

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद सुनील जी

      Delete
  3. संदेश स्पष्ट है, निर्णय सुखदायी हों।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद प्रवीण जी

      Delete
  4. जबरदस्त प्रस्तुति....बहुत बढ़िया...नियमित लिखें...शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  5. पैसा तरक्की नाम दुनिया के सारे ऐश्वर्य इन सबसे बढ़कर भी कुछ हैं ..
    .वह हैं प्यार ...शांति और आत्मविश्वास ...

    Poorn Sahmati....

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद डॉ. मोनिका

      Delete
  6. पैसा तरक्की नाम दुनिया के सारे ऐश्वर्य इन सबसे बढ़कर भी कुछ हैं ..
    .वह हैं प्यार ...शांति और आत्मविश्वास ...yahi satya hai

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद रश्मि जी

      Delete
  7. pyar, shanti aur aatmvishvas ye jeevan ke sahi aadhar hai

    ReplyDelete
  8. बच्‍चों के पास स्‍नेह का आँचल हो तो उन्‍हें सब कुछ मिल जाता है ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सदा आपको मेरा लिखा पसंद आया ...बहुत अच्छा लगा ...धन्यवाद

      Delete
  9. बेहद प्रेरणादायी पोस्ट.. अंतिम दो पंक्तियाँ मन को छू गयीं.

    आभार.

    ReplyDelete
  10. बहुत बहुत धन्यवाद संतोष जी

    ReplyDelete
  11. सुन्दर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
    http://vangaydinesh.blogspot.in/2012/02/blog-post_25.html
    http://dineshpareek19.blogspot.in/2012/03/blog-post_12.html

    ReplyDelete
  12. बहुत सुंदर । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  13. rang manch ke drishy to yadgar bn gaye .....behad sundar prastuti ...badhai sweekaren

    ReplyDelete
  14. यह दो दृश्य ...दोनों ही जीवन के किनारे हैं ...एक किनारा आपको एक निर्जीव तट पर अकेला छोड़ता हैं दूसरा मानों गंगाकिनारा

    आप कौनसी जिंदगी पसंद करते हैं ..दृश्य प्रथम की या दृश्य द्वितीय की ??
    बहुत खूब सूरत प्रस्तुति .

    इस पार प्रिय मधु है तुम हो ,उस पार न जाने क्या होगा .

    ज़िन्दगी के दो रंग दो प्रोफाइल एक हाई एक लो .हमें बाद वाला लो प्रोफाइल ही पसंद है -इस पार प्रिय मधु है ,तुम हो ,उस पार न जाने क्या होगा .

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद विरुभाई

      Delete
  15. दलदल और बगिया दोनों ही दिखा दिया तुमने...

    काश कि सबके मन में यह तथ्य/सत्य उतर पाता...कई जिंदगियां नरक से स्वर्ग बन जातीं...

    मन को छू जाने वाली बहुत ही सुन्दर /प्रेरक कथा रची तुमने...आभार इसके लिए..

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद रंजना दी

      Delete
  16. बहुत सुंदर और प्रेरक कथा . आज के समय और दंपति के लिये उपयुक्त ।

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणिया मेरे लिए अनमोल हैं

"आरोही" की नयी पोस्ट पाए अपने ईमेल पर please Enter your email address

Delivered by FeedBurner